जुनून की हद, दोस्त मरे तो गुस्से मैं बनाई हवाई जहाज।
most welcome to my blog if you find some motivation article so, its right place here am today discuss the true motivation story Today we are going to tell you the story of a person who wants to pick up the sky for five years and fulfilled his dreams. Who invented such a thing that will keep the world shake at the time of coming
सन 2011 चाइना के एक व्यक्ति (huazhi)उसके एक दोस्त की मृत्यु एक विमान दुर्घटना में हो गई huazhi जिनसे हेलीकॉप्टर चलाना सीखते थे उस कोच की मृत्यु भी उसी विमान दुर्घटना में हो गई। और बस यही उनका दिमाग ख़राब हो गिया। और उन्होंने उस छन ऐसा निर्णय लिया की मैं दुनिया के लिए ऐसा अविष्कार करू गा। जो सबसे सेफ और सबसे इकोनोमिकल सबसे इजी तो ड्राइव छोटा प्लेन बनाऊगा , छोटा ड्रोन बनाउगा या फिर कइले फ्लाइंग टेक्सी बनाऊगा।
जो की इंसान को मॉल और मध्यम डिस्टेंस के लिए easily ले जा सकेगा। उसमे कोई ड्राइवर नहीं होगा उसमे कोई टॉम झाम नहीं होगा जिस तरह से आप अपनी कार चलाते हे। उसी तरह से आप उसको easily used कर पायोगे जैसे आप अपनी कार दरबाजा खोल के अन्दर बैठते है उसी तरह उस विमान मैं बैठेगे। और आपको सिर्फ जीपीयस को बताना है की आपको कहा जाना है और वो आपको ले के चला जायेगा।
जुनून की हद, दोस्त मरे तो गुस्से मैं बनाई हवाई जहाज।
जब उन्होंने ये विचार अपने दोस्तों के साथ शेरे किया उनके साथ भी ऐसा ही हुआ जैसे की हमेसा सबके साथ होता आया है। उनका मजाक उड़ाया गया। उनके ऊपर बहुत भियंग कसे गए। लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और वो अपने जिद पे अड़े रहे , मुझे बनाना है मुझे बनाना है।
सन 2013 ,में सिम्त साधनो के साथ अपनी जमा की गई पूंजी के साथ उन्होंने अपने ड्रीम को अपने प्रोजेक्ट को असलियत रूप देने का निर्णय किया। इसके लिए उन्होंने अपने साथ काम करने बालो को और अपने कुछ दोस्तों को अपने साथ जोड़ा। और अपने घर में अपने गैराज मैं उस सपने को हकीकत मैं बदलना शुरू किया। जो सपना सायेद लोग देखने से भी गबराते है। उन्होंने वो सपना पूरा कर दिखाया। दोस्तों देखिए यात्रा कहा से शुरू हुई।
2011 में दुर्घटना हुई
2013 में उन्हों ने अपनी यात्रा शुरू की
2014 में उन्होंने huazhi 184 कम्पनी की स्थापना की
दोस्तों जब 2013 मैं उन्होंने सब कुछ छोड़ा। तो उन्होंने एक ही मिशन लिया की कैसे बड़ी मोटर बनाई जाये कैसे ऑटोमॅटिकस फ्लाइट सिस्टम बनाई जाये जिससे इंसानी इंटरवेंशन खतम हो सके। और एक्सीडेंट को खतम किया जा सके।
जैसे की सब सफलता की शुरुयात कठिनायों से होती है। वैसे ही शुरुआत इनकी हुयी इनके पास भी संसाधनों की कमी थी। इनके पास भी ब्रौजेक्ट बनाने के लिए पैसो की कमी थी। परन्तु इन्होने हिम्मत नहीं हारी अंत इन्होने अपने दोस्तों की मदत से अपने प्रोजेक्ट मैं जुट गए।
इन्होने अपना ड्रोन तैयार करने के वाद इसका प्रयोग जंगलो मैं करना सुरु कर दिया। क्योंकी सिटी मैं एक्सीडेंट की सम्भाबना ज्यादा थी।
कुछ करने की चाह इतना की बारिश और तूफान के कारण इनका काम न रुक जाये। इसलिए इन्होने अपना काम जारी रखने के लिए अपने गैराज के अन्दर ही शुरू कर दिया।
दोस्तों इनका सफर आसान नहीं था कितनी बार ड्रोन आसमान मैं उड़ता और असफल हो कर नीचे फिर से गिर जाता लेकिन इन्होने हिम्मत नहीं हारी और देखते ही देखते कुछ महीनो बाद इनका प्रोटोकॉल सफल हो गिया। और इन लोगो ने उनको नाम दिया E हुंङ्ग प्रोटोकॉल 184 A A बी
जुनून की हद, दोस्त मरे तो गुस्से मैं बनाई हवाई जहाज।
ऑटोनोमस ऐरिअल व्हीकल अर्थात अपने आप एयर मैं चलने बाला एरोप्लेन। क्योंकी इनके पास टेस्टिंग ट्रेनिंग के लिए पैसा की कमी थी। इसलिए इन्होने खुद का ट्रेनिंग वर्कशॉप डेवलप कर लिया। और टेस्टिंग शुरू करदी।
इन्होने अपने ही संधानो से इंडस्ट्री को डेवेलोप करना शुरू कर दिया। और कहते है E हुंङ्ग प्रोटोकॉल 184 A A बी का फर्स्ट ड्रोन जब आसमान मैं उड़ा तो उनमे लगे हुए ड्रोन के पार्ट्स सारे उनके अपने हाथ से लगे हुए थे।
सुनने वाली बात यह हे की पहले ही ट्रेल मैं यह ड्रोन चलने में बिलकुल easily रहा और 100 % accurate रहा
छोटे छोटे टच बटन से जीपीएस ऑन करना। और लाइट ऑन करना सब कुछ उन्होंने एक टच tab मैं फिक्सड कर दिया। और इसको ऐसा बनाया गया की कोई भी वयक्ति बैठ के easily operate कर सके। और इनको बिलकुल वैसे ही इस्तेमाल कर सके , जैसे आप कार ड्राइव करते हो वैसे ही easily चला सके यह छोटा एयरोप्लेन दुनिया का सबसे छोटा एडवेंचर होने जा रहा हे और huazh को इस कामयाबी के लिए कई प्राइज दिए गए और कई अवार्ड दिए गए
'जुनून की हद, दोस्त मरे तो गुस्से मैं बनाई हवाई जहाज" की कहनी से हमने सीखा। चाहे हम कितने भी मुस्किलो मैं न हो चाहे। कितने ही हमारे लाइफ मैं आंधी तूफान आए। परन्तु हमको अपने लाइफ मैं कभी भी हार नहीं मानना चाहिए। आप भी अपने अंदर जिद पैदा करनी होगी कुछ लाइफ मैं कुछ ऐसा करने की जिद्द की आपको लोग सदियों तक याद रखे। तो समय आगिया है मेरे दोस्तों आप टाइम का वेट मत करो टाइम आपका वेट कर रहा है। उठो जागो और तब तक न रुको जब तक आपको अपनी मँजिल न मिलजाए में रवि अरोड़ा आपका अभिन्दन करता हूँ की आपने अपना बहुमूल्य समय निकाल कर ये स्टोरी पढ़ी। अगर ये स्टोरी आपको अच्छी लगी। तो कृप्या इस कहानी को अपने फ्रेंड के साथ shere करे।
धन्यवाद।
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